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  • तीन पत्ती का इतिहास और विकास

    तीन पत्ती का इतिहास और विकास

    प्रसिद्ध पोकर गेम का भारतीय संस्करण तीन पत्ती भारतीय संस्कृति का एक अनिवार्य हिस्सा है और सदियों से ऐसा ही रहा है। इस लेख में, आइए तीन पत्ती के इतिहास और विकास में तल्लीन करें।

    तीन पत्ती क्या है?

    तीन पत्ती की तुलना अक्सर पोकर से की जाती है। यह एक मानक प्लेयिंग कार्ड डेक के साथ खेला जाताहै। उद्देश्य पॉट जीतना है, जो खिलाड़ियों द्वारा किए गए सभी दांवों का कुल योग है। खेल आमतौर पर तीन से छह खिलाड़ियों के बीच आयोजित किया जाता है, हालांकि कम या अधिक खिलाड़ी मैच में शामिल हो सकते हैं।

    बुनियादी खेल नियम सीधे हैं। प्रत्येक खिलाड़ी को तीन कार्ड नीचे की ओर मुंह करके दिए जाते हैं, और उच्चतम हाथ वाला खिलाड़ी पॉट को घर ले जाता है। तीन पत्ती में, उच्चतम रैंकिंग हाथ एक ट्रेल या तिकड़ी है। इसके बाद प्योर सीक्वेंस, रन, कलर, पेयर और हाई कार्ड आता है। प्रत्येक खिलाड़ी को पहले बूट राशि का भुगतान करना होगा और फिर अपनी बेट लगानी होगी। इस खेल के नियम थोड़े बदले जा सकते हैं, और आप वास्तविक नकदी, मुफ्त चिप्स, या मुद्रा के अन्य रूपों के साथ खेल सकते हैं।

    तीन पत्ती का इतिहास और पृष्ठभूमि तीन पत्ती का इतिहास तिरछा है, लेकिन यह लोकप्रिय माना जाता है कि इस खेल की उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप में हुई थी। यह थ्री-कार्ड ब्रैग के अंग्रेजी गेम के करीब है और लोकप्रिय पोकर गेम से प्रभावित है। कुछ इलाकों में तीन पत्ती को फ्लैश या फ्लश के नाम से जाना जाता है। इस खेल के जटिल इतिहास को समझने के लिए आपको भारत में सट्टेबाजी के इतिहास में जानाहोगा। महाभारत और रामायण दो प्राचीन साहित्य हैं जो भारत में सट्टेबाजी या सट्टेबाजी की प्रकृति का उल्लेख करते हैं। यह भारत के शाही दरबारों में भी लोकप्रिय था। अकबर, मुगल सम्राट, एक उत्सुक जुआरी के रूप में जाना जाता था और उसने इस महल के भीतर एक घर भी स्थापित किया था। चूंकि खेल की उत्पत्ति रहस्य में डूबी हुई है, कई लोगों का मानना ​​है कि इसे भारतीय उपमहाद्वीप में यूरोपीय लोगों द्वारा अपनी व्यावसायिक यात्राओं के दौरान लाया गया था। इन इतिहासकारों का मत है कि यूरोपीय लोगों ने भारतीयों को इस खेल से परिचित कराया। लेकिन ये दलीलें थोड़ी कमजोर हैं क्योंकि दीवाली और जन्माष्टमी जैसे धार्मिक त्योहारों के दौरान तीन पत्ती का जिक्र आता है। ऐसा कहा जाता है कि दीवाली की रात, शिव ने इस ताश के खेल को खेलने वाले सभी लोगों पर अपनी कृपा बरसाई। लोग भगवान कृष्ण से जुड़ने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए जन्माष्टमी पर तीन पत्ती खेलते हैं। इसलिए, इस कार्ड गेम की भारत में धार्मिक त्योहारों में एक भूमिका है, और भारत के दो महानतम महाकाव्यों में इसके उल्लेख का अर्थ हो सकता है कि यह खेल बहुत पहले अस्तित्व में था और वर्षों से लोकप्रियता में वृद्धि हुई है।

    डिजिटल युग में तीन पत्ती का विकास

    तीन पत्ती की लोकप्रियता ने खेल को और अधिक जटिल और विकसित बना दिया। शुरुआती दिनों में, ताश का खेल एक ही सट्टेबाजी के दौर के साथ खेला जाता था। बाद के संस्करणों में सट्टेबाजी के कई दौर शामिल हैं, जो खिलाड़ियों को अपने विरोधियों को मात देने की अनुमति देते हैं। वाइल्ड कार्ड्स के जुड़ने से खेल और भी रोमांचक हो गया है, जिससे खिलाड़ियों को बेहतर हैंड्स बनाने का मौका मिलता है। इंटरनेट और अन्य तकनीक की शुरुआत के लिए धन्यवाद, तीन पत्ती गेम एक ऑनलाइन सनसनी बन गया है। आप अपने मोबाइल डिवाइस पर कार्ड गेम इंस्टॉल कर सकते हैं और किसी भी समय कहीं से भी खेल सकते हैं। आप वास्तविक समय में दुनिया भर के विरोधियों से मुकाबला कर सकते हैं। इसके अलावा, इन तीन पत्ती ऐप्स ने बोनस, जैकपॉट्स और विशेष आयोजनों जैसे नए बदलाव पेश किए हैं। आप टूर्नामेंट में भाग ले सकते हैं और अपने जीतने की संभावना को अधिकतम कर सकते हैं।

    तीन पत्ती की विविधताएं

    इन वर्षों में, इस कार्ड गेम के कई रूप बनाए गए हैं और इसका आनंद लिया गया है। लोकप्रिय विविधताओं का उल्लेख नीचे किया गया है।

      • हुकुम – यह सबसे लोकप्रिय तीन पत्ती विविधताओं में से एक है। इस संस्करण में, डीलर दौर की शुरुआत में खेल के नियम तय करता है। उदाहरण के लिए, डीलर सट्टेबाजी की सीमा या वाइल्ड कार्ड चुनता है। शक्ति डीलर के हाथ में है, और यह महान अनुकूलन और रणनीति के लिए अनुमति देता है।
      • बेस्ट ऑफ फोर – यह संस्करण बहुत अधिक कर्षण प्राप्त कर रहा है। इस संस्करण में, प्रत्येक खिलाड़ी को चार कार्ड दिए जाते हैं, और सबसे अच्छे हाथ वाला खिलाड़ी जीत जाता है। इस संस्करण को खेलने के लिए आपको खेल का अच्छा ज्ञान होना चाहिए।
      • निम्नतम जोकर – यह एक लोकप्रिय तीन पत्ती भिन्नता है, जो एक जोकर का परिचय देती है। जोकर खेल में सबसे कम मूल्य का कार्ड है। अन्य कार्डों को वाइल्डकार्ड के रूप में माना जाता है। इस संस्करण में, आप आक्रामक रूप से खेल सकते हैं और अधिक महत्वपूर्ण जोखिम उठा सकते हैं।
      • मुफलिस – इस वेरिएंट में खिलाड़ी पॉट से ज्यादा बेट नहीं लगा सकते हैं। मुफलिस अधिक रूढ़िवादी खेल की अनुमति देता है क्योंकि खिलाड़ियों को अपने दांव के साथ बहुत आक्रामक नहीं होने के लिए सावधान रहना चाहिए।

    निष्कर्ष

    तीन पत्ती कार्ड गेम एक क्लासिक भारतीय गेम है जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है। इसका एक समृद्ध इतिहास रहा है और भारत और उसके बाहर खेले जाने वाले सबसे लोकप्रिय ताश के खेल में से एक के रूप में एक विनम्र जुआ खेल के रूप में अपनी जड़ों से एक लंबा सफर तय किया है। इस कार्ड गेम की विभिन्न विविधताओं के बावजूद, मूल सिद्धांत वही रहते हैं। यह सांस्कृतिक महत्व और धार्मिक बंधन के साथ कौशल और रणनीति का खेल है। कई खिलाड़ियों के लिए, यह कोई साधारण कार्ड गेम नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। चाहे आप एक अनुभवी खिलाड़ी हों या शुरुआती, इस क्लासिक कार्ड गेम की सराहना बढ़ाने के लिए गेम के समृद्ध इतिहास का अध्ययन करना आवश्यक है। खेल में महारत हासिल करने के लिए अभ्यास मैच खेलें। शुभकामनाएं!

     

  • क्या भगवान गौतम बुद्ध हिन्दू थे? भगवान बुद्ध किसके अवतार थे?

    क्या भगवान गौतम बुद्ध हिन्दू थे? भगवान बुद्ध किसके अवतार थे?

    नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे इस ब्लॉग में आज हम इस पोस्ट में भगवान् बुद्ध के बारेमे जानकरी देने वाले है. बहुत सारे लोगो के मन में सवाल आते है की आखिर भगवान् बुद्ध हिन्दू थे? या फिर भगवान बुद्ध किसके अवतार है? तो आज इस पोस्ट में हम आपको इन सभी सवालों का जवाब देने वाले है. साथ ही भगवान गौतम बुद्ध के बारेमे और भी कुछ नई जानकारी देने वाले है.

    भगवान गौतम बुद्ध शिव जी या फिर विष्णु जी के अवतार है? यह सवाल आपको भी आया होगा. तो आप सभी को बता दे की निचे हमने आपको इस सवाल का जवाब दिया है. तो चलिए जानते है गौतम बुद्ध के बारेमे जानकारी.

    गौतम बुद्ध कौन है?

    क्या भगवान गौतम बुद्ध हिन्दू थे? भगवान बुद्ध किसके अवतार थे?
    Source: Wikipedia

    इनका जन्म ५६३ ईसा पूर्व कपिलवस्तु नेपाल के एक छोटे गाँव लुमिनी में क्षत्रिय कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुवा था. उनकी माँ का नाम महामाया था जो की कोलिय वंश से थी. गौतम बुद्ध के जन्म के साथ दिन बाद ही उनकी माता का निधन हुवा था. तभी से उनका पालन उनकी छोटी सगी बहन महाप्रजापति गौतमी ने किया. गौतम बुद्ध का वास्तविक नाम सिद्धार्थ था. उनका विवाह १६ वर्ष की उर्म में ही हुवा था और उनकी पत्नी का नाम याधोधरा था साथ ही उनको एक पुत्र भी था जिसका नाम राहुल था.

    गौतम बुद्ध के गुरु का नाम क्या है?

    बचपन से ही गौतम बुद्ध का उनकी मौसी गौतमी द्वारा पालन किया गया था. माना ज्याता है की उनकी मौसी ने सबसे पहले बौद्ध धर्म को स्वीकार किया था जिसके कारण सिद्धार्थ ने भी यह मार्ग चुना जिससे इन्हें गौतम बुद्ध के नाम से जानने लगे.

    गौतम बुद्ध के प्रथम गुरु आलार कलाम थे, इनसे ही उन्होंने सन्यास काल की शिक्षा प्राप्त की थी.  ३५ वर्ष की आयु में वैशाखी पूर्णिमा के दिन सिद्धार्थ पीपल वृक्ष के नीचे ध्यानस्थ थे।

    क्या भगवान गौतम बुद्ध हिन्दू थे?

    हिन्दू धर्म और बुद्ध धर्म दोनों ही प्राचीन धर्म है, लेकिन भगवान् गौतम बुद्ध बनने से पहले उनका नाम सिद्धार्थ था और उनका जन्म एक क्षत्रिय परिवार में हुवा था जो की हिन्दू परिवार माना ज्याता है. लेकिन बौद्ध धर्म में किसि भी धर्म को माना नही ज्याता है.

    माना ज्याता है की हिन्दू धर्म के भगवान बुद्ध किसके अवतार थे?हिन्दू धर्म के वैष्णव संप्रदाय में गौतम बुद्ध को दसवाँ अवतार माना गया है. लेकिन बौद्ध धर्म में स मत को स्वीकार नही किया ज्याता है.

    भगवान बुद्ध किसके अवतार थे?

    बहुत सारे ग्रंथो द्वारा पता चला है की बौद्ध जो है वह विष्णु के नववे अवतार माने ज्याते है. भगवान् गौतम बुद्ध यह बहुत ही ज्यादा ज्ञानी व्यक्ति थे, जिन्हें कठिन तपस्या के बाद जब उन्हें तत्त्वानुभूति हुई तो वे बुद्ध कहलाए.

    Conclusion

    हमने आपको इस पोस्ट में क्या भगवान गौतम बुद्ध हिन्दू थे? भगवान बुद्ध किसके अवतार थे? इसके बारेमे डिटेल में जानकारी दी है उम्मीद है की आपको हमारी दी गयी जानकारी अच्छी लगी होगी. अगर आपको इसी प्रकार की और जानकारी चाहिए तो Simplejb.in वेबसाइट पर विजिट जरुर करे.

    यह भी पढ़े

  • लिथियम क्या है? और लिथियम के उपयोग | What is Lithium and its Uses

    लिथियम क्या है? और लिथियम के उपयोग | What is Lithium and its Uses

    लिथियम क्या है? – हेल्लो दोस्तों आपका स्वागत है हमारे Simplejb.in साईट में. आज हम इस लेख में लिथियम क्या है? और लिथियम के उपयोग (What is Lithium and its Uses) इसके बारेमे जानने वाले है.

    अभी हाल ही की दिन में कारो की बैटरी बनाने के लिए Lithium की जरुररत पद रही है, लोगो के सामने बहुत बार लिथियम नाम आ रहा है. जिसके कारण लोगो के मन में Lithium को लेकर लिथियम क्या है? लिथियम की खोज किसने की है? लिथियम के उपयोग क्या है? ऐसे सवाल आ रहे है, इन सभी सवालों का जवाब आपको इस लेख में निचे दिया गया है.

    लिथियम क्या है? | What is Lithium?

    Lithium यह एक धातु है, लिथियम एक ऐसा धातु है जिसे आप आसानी से आत सकते हो और यह धातु पानी में भी तैर सकता है. इसे रासायनिक तत्व भी कहा ज्याता है. दुनिया की सभी धातु में सबसे हल्की धातु और सबसे कम घनत्व-वाला ठोस पदार्थ है.

    अगर लिथियम को हवा में रखा जाये तो यह जल्दी ही वायु में मौजूद ऑक्सीजन से अभिक्रिया करने लगता है, जो इसके शीघ्र ही आग पकड़ लेने में प्रकट होता है. इसी के कारण इस धातु को तेल में डुबाकर रखते है. अगर इसे तेल से निकालते है तो यह एक अलग ही प्रकार की चमक देने लगता है लेकिन यह जल्दी से फीका पद ज्याता है और फिर लिथियम का रंग काला होने लगता है.

    लिथियम का घनत्व कम होता है, जिसके कारें यह बहुत ज्यादा हल्का होता है. आप इस धातु को आसानी से चाक़ू से काट भी सकते हो.

    लिथियम के उपयोग (Uses Of lithium)

    Lithium धातु का उपयोग कही कामो के लिए किया ज्याता है. जिसके बारेमे हम निचे जानेगे.

    • लिथियम का इस्तेमाल दवा बनाने के लीए किया ज्याता है.
    • मोटर इंज़नों में सफेद धातु की बियरिंग बनाने में इस्तेमाल करते है.
    • एल्युमिनियम के साथ विमान के पुर्जे बनाने में तथा मैग्नीशियम के साथ आर्मपिट प्लेट बनाने में लिथियम का इस्तेमाल करते है.
    • कारो की बैटरी बनाने में भी लिथियम का इस्तेमाल होता है.
    • लिथियम का उपयोग मोबाइल, लैपटॉप की बैटरी बनाने में भी किया ज्याता है.

    Electric कारो में लिथियम बैटरी का इस्तेमाल क्यों करते है?

    लिथियम क्या है tesla cars battery me lithium kyu istemal karte hai

    अभी दुनिया में Electric cars की डिमांड बहु ज्यादा बढ़ रही है, जिसमे आपने TESLA का नाम तो सुना ही होगा. Tesla company अपनी कारो में Lithium की बैटरी उसे करती है.

    अगर कोई भी ऑटोमोबाइल बनाने की आत करे तो उसमे सबसे ज्यादा खर्चा उसकी बैटरी को आता है, जिससे उस प्रोडक्ट की कीमत बढ़ ज्याति है. अगर बैटरी सस्ती है तो फिर कार सस्ती होगी. लिथियम या धातु बहुत हल्का होता है जिसके कारण इससे बनी हुई बैटरी भी हलकी होती है. अगर किसी भी कार में भारी बैटरी लगते है तो उसे पॉवर ज्यादा लगती है. इसी लिए कारो में लिथियम की बैटरी का इस्तेमाल करते है.

    यह भी पढ़े:-

    Conclusion

    हमने आपको इस लेख में लिथियम क्या है? और लिथियम के उपयोग (What is Lithium and its Uses) के बारेमें बताया गया है. साथ ही Electric Cars में Lithium क्यों इस्तेमाल करते है इसके बारेमे भी बताया है.

    उम्मीद है की आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी होगी, अगर आपको लिथियम के बारेमे कुछ दिक्कत आती है ते आसानी से आप हमे Comment करके बता सकते हो. Post अच्छी लगी तो आप हमारी Notification On जरुर करे, साथ ही हमारे Youtube Channel को Subscribe जरुर करे.

    FAQs On Lithium

    लिथियम कैसे बनता है?

    lithium अह एक धातु है, जो की  नेगेटिव इलेक्ट्राॅड, पोजेटिव इलेक्ट्राॅड और इलेक्ट्राॅलाइट से बनता है.

    भारत की पहली लिथियम रिफाइनरी कहा स्तापित होगी?

    गुजरात में स्थापित होगी भारत की पहली लिथियम रिफाइनरी
  • भारत कब आजाद हुवा था? (Humara Desh kab Azad Huva tha)

    भारत कब आजाद हुवा था? (Humara Desh kab Azad Huva tha)

    भारत कब आजाद हुवा था? – हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Simplejb.in साईट में. आज हम आपको इस लेख में भारत कब आजाद हुवा था? (Humara Desh kab Azad Huva tha) इसके बारेमे बताने ज्या रहे है.

    आप सभी भारत वासी को सबसे पहले हमारी तरफ से

    “जय हिन्द” “वन्दे मातरम” “भारत माता की जय”

    भारत देश की आजादी के लिए बहुत सारे क्रांतिकारी शहीद हो गए. बहुत से लोगो ने अपने प्राण गवाए है. हम सभी अभी एक आज़ाद देश में है, लेकिन अगर हम आजाद नही होते तो आज भी हम अंगेजो के गुलाम बने होते. सभी क्रांतिकारियों ने अपने प्राण की आहुति देकर अपने भारत देश को आज़ाद किया है. हमारे देश में अंगेजो ने काफी साल तक हुकूमत की जिसके कारण आज भी हमारा देश गरीब है. आज हम इस लेख में आपको भारत देश को आज़ादी कैसे मिली? इसके बारेमे बताएँगे.

    भारत कब आजाद हुवा था? (Humara Desh kab Azad Huva tha)

    हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 में आज़ाद हुआ था. आज से ठीक 72 साल पहले हमारा देश ब्रिटिश लोगो की हुकूमत से आजाद हुआ था. अंग्रेजो ने भारत पर लगभग 200 साल तक शासन किया, ना जाने कितने लोग शहीद हुए तब जा कर भारत को आज़ादी मिली. बहुत सारे लोगो ने भारत के आज़ादी के लिए अपने प्राण गवाए, तभी भारत को आज़ादी मिली है.

    हमारा भारत देश कैसे आज़ाद हुवा?

    भारत कब आजाद हुवा था? (Humara Desh kab Azad Huva tha)

    भारत देश की आज़ादी के लिए बहुत सारे क्रांतिकारियों ने अपनी जान की बाज़ी लगादी, तभी अपने भारत देश को आज़ादी मिली है.

    इसकी शुरुवात 1600 में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना के साथ हुई. ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के मुगल बादशाह जहांगीर से इजाजत लेकर इस कंपनी का आरंभ किया. कंपनी का गठन मसाले के व्यापार के लिए किया गया था. लेकिन समय के साथ इसने कपास, रेशम, चाय, नील और अफीम का भी व्यापार शुरू कर दिया. बाद में कंपनी ने भारत के लगभग सभी क्षेत्रों पर अपना सैनिक तथा प्रशासनिक हक जमा लिया था.

    ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतियों पर अपना अत्याचार शुरू कर दिया. भारत लगभग अपना अधिकार खो चूका था प्रशासन तथा सेना भी अंग्रेजो के हाथ में आ गयी थी. अंग्रेजो ने अपना अत्याचार जारी रखा और लोगो का शोषण करते रहे. भारत में लोग गरीबी से मर रहे थे वही दूसरी तरफ अंग्रेज उनसे लगान वसूलने में लगी रही.

    इस परिस्थिति को देखते हुए क्रांतिकारी जन्म ले चुके थे और युद्ध की तैयारियां होने लगी. यह सब देखते हुए ब्रिटेन की महारानी ने ईस्ट इंडिया कंपनी से भारत पर राज करने का अधिकार वापस ले लिया. सन 1858 में ‘गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1858’ पास कर दिया गया. अब ब्रिटिश क्राउन का भारत पर सीधा नियंत्रण हो गया, जिसे ब्रिटिश राज के नाम से जाना जाता है.

    द्वितीय विश्व युद्ध वर्ष 1939-1945 के बीच लगातार 6 वर्षो तक चला जिसमे लाखों लोग मारे गए इस युद्ध की शुरुआत जर्मनी के तानाशाह हिटलर ने की थी. प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी को बहुत ही शर्मनाक संधि से गुजरना पड़ा था. उसी के प्रभाव स्वरूप इसका प्रतिशोध लेने के लिए हिटलर ने मित्र राष्ट्रों को एक- एक कर के कब्ज़ा करना प्रारंभ कर दिया. जिससे मित्र राष्ट्र भयभीत हो गए इस युद्ध में ब्रिटेन के बहुत से सैनिक मारे गए.

    उसकी आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय हो गयी थी. अब उसके पास इतना भी धन शेष नहीं था, कि वह अपनी सेना रख सके. ब्रिटेन ने द्वितीय विश्व युद्ध में भारत के लोगों का सहयोग लिया. जिससे हजारों की संख्या में भारतीय सैनिक मारे गए.

    Conclusion

    हमने आपको इस लेख में भारत कब आजाद हुवा था? (Humara Desh kab Azad Huva tha) इसके बारेमे बताया है. भारत को आज़ादी कैसे मिली ये भी बताया गया है, उम्मीद है की हमने आपको बतायी गयी जानकारी अच्छी लगी होगी.

    अगर आपको हमारे लेख में कुछ दिक्कत लगती है तो आप हमे Comment करके बता सकते है, साथ ही पोस्ट पसंद आई तो आप आसानी से हमारी Notification On करे और हमारे Youtube Channel को Subscribe जरुर करे.

    FAQs

    आजादी से पहले भारत का क्या नाम था?

    भारत देश को आज़ादी मिलाने से पहले भारत देश का नाम “आर्यावर्त” था.

    भारत देश को आजाद हुए कितने साल हो गए?

    इस 15 अगस्त 2021 को हमारे देश को आज़ाद होकर 73 साल होते है.

    भारत के 7 नाम क्या है?

    भारत देश के सात अलग अलग नाम है, जिसमे मसलन जम्बूद्वीप, भारतखण्ड, हिमवर्ष, अजनाभवर्ष, भारतवर्ष, आर्यावर्त, हिन्द, हिन्दुस्तान और इंडिया इन नामो का समावेश है. प्राचीन काल में भारतभूमि को इन सात नाम से ज्याना ज्याता था.

    आजादी से पहले भारत का क्षेत्रफल कितना था?

    इतिहासकारों के मुताबिक सन 1947 में भारत-पाक बंटवारे के रूप में यह भारतवर्ष का पिछले 2500 सालों में 24वां विभाजन है. जबकि अंग्रेजों द्वारा 1857 से 1947 तक उनके द्वारा किया गया भारत का 7वां विभाजन है। 1857 में भारत का क्षेत्रफल 83 लाख वर्ग किमी था। वर्तमान भारत का क्षेत्रफल 33 लाख वर्ग किमी है।

    भारत के अलावा कौन सा देश 15 अगस्त आजाद हुवा है?

    भारत की तरह इन पांचों देशों को भी आजादी 15 अगस्त को हासिल हुई थी. आप शायद नहीं जानते हों कि भारत के साथ साउथ कोरिया, नॉर्थ कोरिया, कांगो, बहरीन और लिकटेंस्टीन ने 15 अगस्त को आजादी हासिल की थी. साउथ कोरिया 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है.

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  • Aaj Kaun Sa Din hai | आज कौन सा दिन है?

    Aaj Kaun Sa Din hai | आज कौन सा दिन है?

    आज कौन सा दिन है. नमस्कार दोस्तों सवागत है आपका हमारे SimpleJb.in ब्लॉग में. आज इस लेख में हम Aaj Kaun Sa Din hai (आज कौन सा दिन है) इसके बारेमे जानने वाले है.

    बहुत बार आप इन्टरनेट पर Aaj Kaun sa Din hai, aaj ke din ki jaankari dijiye, आज कौन सा दिन है, आज के दिन के बारेमे बताये, आज कौन सा दिवस है, आज का दिन क्या है? ऐसे बहुत से Keyword सर्च करते हो. मगर आपको जवाब नही मिल पाता है, इस लेख में हम आपको आज कौन सा दिन है इसके बारेमे जानकारी बताएँगे.

    आज कौन सा दिन है? (Aaj Kaun Sa Din hai)

    • आज मंगलवार, 4 में 2021 है.
    • आज कौन सा दिन है? – आज मंगलवार, 4 में 2021 है.
    • आज के दिन में कोई शुभ मुहुर्त नही नजर आता है.
    • आज के दिन हनुमान भगवान की पूजा करनी चाहिए.

    Aaj Kaun Sa Diwas hai (आज कौन सा वार है)

    आज कालनिर्णय के मुताबिक मंगलवार, 4 में 2021 है.

    आज कौन सी तिथि है (aaj ke tithi ke baareme bataao)

    आज मंगलवार, 4 में 2021 है.

    aaj kaun sa de hai (आज का कौन सा डे है?)

    पंचांग से आज के दिन के बारेमे जाने तो, आज चैत्र मास में मंगलवार, 4 में 2021 है. आज एक साधारण दिन है, कोई भी विशेष कार्य नही है.

    What day is today (Aaj Kaun sa day hai in Hindi)

    • आज मंगलवार, 4 में 2021 है.
    • आज कौन सा दिन है? – आज मंगलवार, 4 में 2021 है.
    • आज के दिन में कोई शुभ मुहुर्त नही नजर आता है.
    • आज के दिन हनुमान भगवान की पूजा करनी चाहिए.

    आज के दिन की कुछ विशेष बाते

    आज के दिन में कुछ भी विशेष बात नही है क्युकी यह एक साधारण दिन माना ज्याता है, इस दिन के बारेमे कालनिर्णय में भी कुछ नही लिखा है. यह एकदम साधारण दिन है.

    हम आपको आज के दिन की विशेषता के बारेमे इस पोस्ट में Daily Updated करते रहेंगे ताकि आपको और कही जाने का काम न पड़े. आप आसनी से आज कौन सा दिन है (aaj kaun sa din hai) इसके बारेमे जान सकोगे. पुसी जानकारी आपको अपडेट करके मिलेगी.

    CONCLUSION

    हमने आपको इस पोस्ट में आज कौन सा दिन है? (Aaj Kaun Sa Din hai) इसके बारेमे बताया है, उम्मीद है की हमने आपको बतायी गयी पोस्ट पसंद आयी होगी. अगर इस पोस्ट में आपको कुछ दिक्कत आती है तो आप हमे Comment करके बता सकते है.

    आपको आज के दिन के बारेमे पता चल गया हो तो हमारी Notification ON जरुर कीजिये, साथ ही हमारे Youtube Channel को Subscribe जरुर करे.

    यह भी पढ़े:-

    FAQs

    Aaj ke din ke baareme jaankari?

    आज के दिन में कुछ ख़ास बात नही है? लेकिन हर रोज के दिन की अपडेट आपको इस ब्लॉग पर आसानी से मिल जायेगी.

    आज के दिन में कुछ ख़ास है क्या?

    जी नही, आज एक साधारण दिवस है.

    आज के दिन में विशेष क्या है?

    हर दिन भारत में कुछ न कुछ विशेष जरुर होता है. किसिस दिन भारत में किसी की मृत्यु होती है, तो किसी दिन किसी का जन्म होता है. किसी दिन कोई खेल में अपना रिकॉर्ड बना देता है, तो कोई गेम में कुछ पॉइंट्स से हार ज्याता है.

    आज क्या वार?

    सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार यह सभी सात वार है. जिसमे से आज मंगलवार 4 में 2021 है.

  • आपका पसंदीदा गाना कौन सा है | Aapka Pasandida Gaana kaun sa hai

    आपका पसंदीदा गाना कौन सा है | Aapka Pasandida Gaana kaun sa hai

    आपका पसंदीदा गाना कौन सा है: हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे SimpleJB.in साईट में, आज हम इस लेख में आपका पसंदीदा गाना कौन सा है (Aapka Pasandida Gaana kaun sa hai) इसके बारेमे जानने वाले है.

    सभी लोगो की पसंद हमेशा अलग होती है, अगर आपको कोई चीज़ खरीदनी है तो वह आपकी पसंदिकी हो तो ही आप खरीदते है. उसी प्रकार सभी को अलग अलग गाने पसंद होते है. अगर मुझे अरिजीत सिंह का गाना पसंद है तो आपको और कोई सिंगर का गाना पसंद होता है.

    आपका पसंदीदा गाना कौन सा है (Aapka Pasandida Gaana kaun sa hai)

    जब भी लोग गूगल पर अक्सर आपका पसंदीदा गाना कौन सा है? (Aapka Pasandida Gaana kaun sa hai) यह सवाल करते है तो गूगल भी कंफ्यूज हो ज्याता है. क्युकी कोई भी किसि के मन में नही झांक सकता, उसमे भी गूगल एक सर्च इंजन है जो की आपके मन और दिमाग में घुसकर आपका पसंदीदा गाना नही जान सकता.

    अगर आप गूगल से किसी भी सिंगर का नाम बताकर उनके गाने सुनना चाहते है तो वह आपको पता चल सकता है, साथ ही उस सिंगर ने कितने गाने गाये है और उनमे से कितने हित गाने है इसके बारेमे भी गूगल आसानी से बता देता है.

    Most Romantic Hindi Best Songs

    • “Aaj Se Teri” Padman
    • “Tere Mere” Chef
    • “Main Tere Kabil Hoon” Kaabil
    • “Enna Sona” OK Jaanu
    • “Humsafar” Badrinath Ki Dulhania
    • “Lambiyaan Si Judaiyan” Raabta
    • “Ban Ja Rani” Tumhari Sulu
    • “Nazm Nazm” Bareilly Ki Barfi
    • “Aa Jao Meri Tamanna” Ajab Prem Ki Ghazab Kahani
    • “Aaj Din Chadheya” Love Aaj Kal
    • “Aaja Sanam Madhur Chandni Mein” Chori Chori

    अगर मेरे पसंदीदा गाने की बात करे तो मुझे Romantic Hindi Songs बहुत ज्यादा पसंद आते है, जो की मैंने आपको उपर बताये है. और मुझे Singers में Arijit Singh और Shreya Ghoshal अच्छी लगती है.

    CONCLUSION

    हमने आपको इस लेख में आपका पसंदीदा गाना कौन सा है (Aapka Pasandida Gaana kaun sa hai) इसके बारेमे बताया है, उम्मीद है की आपको हमने बतायी गयी यह पोस्ट पसंद आयी होगी.

    इस पोस्ट से के बारेमे आपको कुछ सवाल आते है तो आप हमे Comment करके बता सकते है. पोस्ट अच्छी लगी तो हमारी Notification ON करना न भूले, साथ ही हमे Youtube Chennel पर Subscribe जरुर करे.

    FAQs On आपका पसंदीदा गाना कौन सा है 

    गूगल आपको कौन सा गाना पसंद है?

    अगर आप गूगल से यह सवाल करते हो तो वह कुछ जवाब नही दे सकता है, गूगल आपको English गानों की List दे देता है, और hindi गानों के भी उसमे गूगल सबे हिट गाने बताता है.

    आपको कौन सा सिंगर सबसे ज्यादा पसंद है?

    अगर Male Singer की बात करे तो Arijit Singh और Female Singer की बात करे तो Shreya Ghoshal हमे बहुत पसंद आते है. उनके रोमांटिक गाने अच्छे लगते है.